जन्मजात खाण्याची आवड. त्यात घरी आज्जी-आई यांना साक्षात अन्नपुर्णेचं वरदान लाभलेलं. हे कमी की काय म्हणुन बाबा आणि माझे मातुल हे सुद्धा बल्लव. मग हे खाण्या खिलवण्याच वेडं माझ्या रक्तात उतरल नसत तरच नवल. माझ्या अनेक आंतरजालीय स्नेह्यांच्या प्रोत्साहनाने प्रेरित होऊन मी ह्या ब्लॉगचा श्रीगणेशा करतोय. या ब्लॉगसाठी समर्पक नावं सुचवणार्‍या माझ्या दिदीचा आणि प्राजुताईचा मी आभारी आहे.

Tuesday 28 December 2010

शीरखुर्मा

सलाम-आलेकुम मियाँ . भोत दिनो के बाद दिखरैले. क्या बोल्ते आप इधरीच कु थे. मैंच नै दिक्खा? हां बराबर जी. मेरे रोजे चल रे थे ना.
भाईजान, बडी बी और चिल्ली पील्ली सब खैरीयत मै ना?
अरे हौ,आप को भी को ईद मुबारक भई.

घर को चल्ते? बडी प्यार से शीर-खुर्मा बनायें जी. चख लेते थोडा.
क्या बोल्ते गणपती की तैयारी करनेकी. हौ मियाँ गणेशजी हमारे मुहल्लेमें बैंठतेजी. बहुत मझा आता.

क्या बोले? कैसे बनाते शीर-खुर्मा ? गणेशजी को प्रशाद चढाने के वास्ते भाभी को बनानेकू बोल्ते. बतातै ना मियाँ, बिल्कुल बतातै. आप सिखाये मोदक आपकी भाभी बनाने वाली है जी. बहुत शुक्रिया.

शीर-खुर्मा भौत सिंपल है जी. और बनता भी एकदम १०-१५ मिनट मे.

पैले सामान क्या क्या लगता लिखलो मियाँ.


१/२ पाकिट सेवैंया. (भुनी हुई मिली तो और्भी अच्छा. वर्ना फिकर नक्को करु. मै बाताता ना.)
३/४ लिटर दुध.
अगर घर मै हो तो मिठा गाढा दुध. (कंडेंस्ड मिल्क).
१/२ बाटी चीनी. हा हा हा मियाँ बाल्टी नक्को लिक्खू हा वर्ना भाभी जी पिटती मेरेकु बाद मै.
२ बडे चम्मच चावल का आटा.
सुका मेवा. (इसमे कंजुशी नक्को करु मियाँ.)
(बादाम-काजु-किशमिश-पिस्ते-बिगोये खारीके टुकडे)
ईलायची.
जायफल.
नारियल के छोटे टुकडे.

अगर आपको भुनी हुई सेवैयाँ ना मिली तो. एक बर्तन में २ चम्मच अस्सल देसी घी डालकर साधी सेवैंयाँको उसमे ३-४ मिनटं भुन लो. जादा तेज आंच पर नक्को करु. वर्ना जल जायेंगी. फिर उन कु एक प्लेट मै निक्काल के रक्खो.



अब उसी बर्तन में दुध को उबालने रक्खो जी. उंस में उबाल आते ही. शक्कर, गाढा दुध पीसी हुई ईलायची- जायफल, नारियल के टुकडे और बाकी का सुका मेवा डाल दो. आंच को जादा तेज नक्को रखुं. चम्मच से बार बार हिलाते रक्खो.



५ मिनट बाद उस में भुनी हुई सेवैयाँ डाल दो. साथ में चावल का आटा थोडे दुध मे भिगोकर डाल दो. और चम्मच से बराबर हिलाते रक्खो. २-३ मिनट मै आपकी शीरखुर्मा गाढी हो जायेगी.



उपर से थोडा और सुखा मेवा डाल कर गणेशजी को चढावा दो जी.
हमकु आरती मे बुलाना भुलो नक्कु .

खुदा आफिस मियाँ. आपा को सलाम बोल्ना.

फिर मिलते इधरीच.

1 comment:

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